कोविड मरीज़ पेट के बल (प्रोनिंग) लेटकर ऑक्सीजन का स्तर कैसे सुधारें
ऑक्सीजन का स्तर कैसे सुधारें ? दोस्तों पिछले एक साल से पुरे विश्व में कोरोना वायरस जनित कोविड 19 नमक खतरनाक महामारी फैली हुई है। कोविड-19 का कोई प्रभावी इलाज न होने के कारण विश्व के सामने बहुत बड़ा संकट खड़ा हो गया है। कोविड 19 वायरस का सक्रमण पुरे शरीर में फ़ैल जाने पर यह बहुत खतरनाक साबित हो सकता है। जो की वर्तमान में हो भी रहा है। हज़ारों लोग इस कोरोना वायरस (COVID19) संक्रमण की वजह से अपनी जान गवा चुके हैं। कोरोना वायरस की वजह से मुख्यतया श्वसन सम्बन्धी समस्याएं आ रही है। यह वायरस मानव शरीर में फेफड़ों को संक्रमित करता है जिससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है एवं आवश्यक ऑक्सीजन न मिलना मृत्यु का कारण बन रहा है। दोस्तों, आज हम यहां एक ऐसा उपाय बता रहे हैं जिसकी सहायता से कोविड मरीज़ पेट के बल लेटकर अपने शरीर में ऑक्सीजन का स्तर आसानी से सुधर सकते हैं। कोविड मरीज़ पेट के बल (प्रोनिंग) लेटकर इस तरह सुधारें ऑक्सीजन का स्तर इस विधि को प्रोनिंग कहा जाता है।
कोविड मरीज़ पेट के बल (प्रोनिंग) लेटकर इस तरह सुधारें ऑक्सीजन का स्तर
प्रोनिंग एक मरीज को उनके पेट से पीछे की ओर सुरक्षित मोड़ों से मोड़ने की प्रक्रिया है, जबकि व्यक्ति नीचे की ओर मुंह करके लेटा हो। श्वास को आराम से लेने और ऑक्सीजनेशन में सुधार करने के लिए प्रूनिंग एक चिकित्सकीय रूप से स्वीकृत विधि है। यह विधि विशेष रूप से कोविड-19 रोगियों में घर पर आइसोलेशन के समय श्वसन में दिक्कत को दूर करने के लिए लाभदायक है।
प्रोनिंग कैसे करें
- प्रोनिंग के लिए चार से पांच तकियों की जरुरत होगी।
- सबसे पहले रोगी बिस्तर पर पेट के बल लेटें।
- एक तकिया गर्दन के नीचे रखें।
- एक या दो तकिये छाती और पेट के नीचे बराबर में रखें।
- दो तकियों को पैर के पंजों के नीचे दबाकर रखें।
Step-1: अपने पेट के बल 30 मिनट से 2 घंटे तक लेटे रहे
Step-2: अपनी दाहिनी तरफ 30 मिनट से 2 घंटे तक लेटे
Step-3: 30 मिनट से 2 घंटे तक दी हुई अवस्था में बैठे रहें
Step-4: अपनी बायीं तरफ 30 मिनट से 2 घंटे तक लेटे
फिर स्थिति 1 में वापस आ जाएँ। अपने पेट के बल लेट जाएं
ध्यान रखें इस दौरान कोविड रोगी गहरी लम्बी सांस लेते रहे।
प्रोनिंग के फायदे
- प्रोन स्थिति से वेंटिलेशन में सुधार होता है, वायुकोशीय इकाइया खुल जाती हैं जिससे सांस लेना आसान रखता है।
- ऑक्सीजन की नियमित जांच के साथ-साथ अन्य तापमान, रक्तचाप और रक्त शुगर जांचना भी महत्वपूर्ण है।
- हाइपोक्सिया के कारण हालत और भी बुरी हो सकती है।
- समय पर प्रोनिंग और अच्छे वेंटिलेशन को बनाए रखने से बहुत से जीवन बचाये जा सकते है।
तकियों को स्थिति इस प्रकार होनी चाहिए
प्रोनिंग के लिए आवश्यक सावधानियां
- भोजन के तुरंत बाद प्रोनिंग न करें।
- गर्भवती महिलाओं के लिए प्रोनिंग करना निषेद है।
- हृदय रोग एवं स्पाइन से जुडी बीमारी से ग्रसित को प्रोनिंग से नुक्सान हो सकता है।
- आरामदायक महसूस होने पर, कई चक्रों में एक दिन में 16 घंटे तक प्रोनिंग हो सकता है।
- किसी भी घावों या चोटों पर दबाव का नज़र रखें, विशेष रूप से, नाभि के आसपास।
Note: स्वस्थ फेफड़ों के लिए एक सामान्य एबीजी ऑक्सीजन स्तर 80 और 100 मिलीमीटर पारा (mmHg) के बीच आता है। जब मरीज में ऑक्सीजन का स्तर घटकर 92 से नीचे हो जाता है एवं श्वसन में कठिनाई महसूस होती है तभी प्रोनिंग की आवश्यकता होती है। 92 या 93 स्तर की ऑक्सीजन संतृप्ति को क्रिटिकल नहीं माना जा सकता । आर्टिकल कोविड मरीज़ पेट के बल (प्रोनिंग) लेटकर इस तरह सुधारें ऑक्सीजन का स्तर से संबंधित जानकारी ऊपर देखें।
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